Chandramukhi 2 Review: चंद्रमुखी, बॉलीवुड की धारावाहिक दुनिया के लिए एक अद्वितीय और प्रेरणादायक किरदार है जिसने सदियों से लोगों को डराया और मनोरंजन किया है। इसके प्रशंसक बेहद उत्सुक हैं क्योंकि अब ‘चंद्रमुखी 2’ का वक्त आ गया है। इस समीक्षा में, हम देखेंगे कि क्या इस डरावनी कहानी की दूसरी कड़ी उस उत्साह को बनाए रख पाई है जिसे पहले से ही बनाया गया था।
‘चंद्रमुखी 2’ की कहानी उसी बड़े हॉटल में शुरू होती है, जो कि पहली कहानी का केंद्र था। वहां की स्पूकियता और आत्मा की रहस्यमयी गतिविधियों के बावजूद, हॉटल का एक नया मालिक आता है और उसके साथ ही डरावनी घटनाएं शुरू हो जाती हैं। कहानी के मुख्य पात्र वीर सिंह, जो पहले की फिल्म के इतने महानुभावी किरदारों की तरह नहीं हैं, लेकिन वे दर को पकड़ने में सक्षम हैं।
चंद्रमुखी के रूप में आनंदी चोपड़ा ने एक बार फिर अपना किरदार निभाया है और उनकी एक्टिंग दमदार है। उन्होंने चंद्रमुखी की भूतिया शक्तियों को बड़े ही प्राकृतिक रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे दर और अद्भुतीयता बनी रहती है।
फिल्म के डायरेक्टर, विशाल माधुसूदन, ने कहानी को डरावने माहौल के साथ प्रस्तुत किया है। वे दरावने सीन्स को गहराई से छूने में सक्षम हैं और दर्शकों को सस्पेंस में रखने का काम बड़े खूबी से किया है।
हालांकि, ‘चंद्रमुखी 2’ की कहानी में कुछ हटकर नयापन नहीं है। फिल्म के प्रारंभ में ही दर का माहौल बन जाता है, लेकिन अंत में कहानी एक पूर्वानुपातिक तरीके से समाप्त हो जाती है।
समीक्षा के आधार पर, ‘चंद्रमुखी 2’ डर की ताजगी और वापसी के साथ आती है, लेकिन कहानी में नयापन की कमी हो सकती है। अगर आप ‘चंद्रमुखी’ के प्रशंसक हैं और डर की दुनिया में लौटने के इच्छुक हैं, तो यह फिल्म आपके लिए हो सकती है। अन्यथा, यह फिल्म आपके बजट और समय के अनुसार चुनने की बात हो सकती है।